सर्दी और चाय

सर्दी और चाय

सर्दी की रातें मीठी कहानी सी लगती है
दिल की बातें बहुत रूहानी सी लगती है।

गर्म चाय की प्याली की थोड़ी सी गर्माहट 
ठिठूरती हथेलियों को दे जाती सुकून
सर्द हवाओं के थपेड़ों से बचने को
गुनगुनी धूप की सेंक बहुत सुहानी लगती है।

माँ के हाथों का स्वाद उतर आता
सूखे मेवे के पौष्टीक लड्डू में,
मिठास तिल गुड़ की रोज़ ही 
घर आंगन में घुलती लगती है।

शॉल, स्वेटर की बनावट में
कितनी पुरानी यादों के नर्म किस्से
गर्म अदरक वाली चाय की प्याली
यारों की महफिल में खूब जमती है।

 सर्द रात के बाद पत्तों पर मुस्काती
ओस की बूँदे लगती कितनी प्यारी
शबनम में नहाई हर कली शोख लगती है
सूरज की तपिश पाने को हर शय बेताब
जैसे रांझा से मिलने को कोई हीर सजती है।

आभार – नवीन पहल – २३.०२.२०२२ 

   17
5 Comments

देविका रॉय

05-Mar-2022 11:55 PM

Nice

Reply

Inayat

05-Mar-2022 01:04 AM

👌👌

Reply

Swati chourasia

01-Mar-2022 03:59 PM

बहुत ही सुंदर रचना 👌

Reply